बजट 2023-24
2023-24 में प्राप्तियां (उधार के अलावा) 27,16,281 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 11.7% अधिक है।
सरकार ने 2023-24 में 45,03,097 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 7.5% अधिक है।
सरकार ने 2023-24 में 10.5% की nominal जीडीपी विकास दर का अनुमान लगाया है (i.e., real growth plus inflation)।
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घोषणाएं
- बजट की सात प्राथमिकताएं ‘सप्तऋषि’- समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, निहित क्षमताओं का विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र।
- आत्मनिर्भर स्वच्छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसल के लिए रोग-मुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने की उद्देश्य से किया जाएगा।
- शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) की स्थापना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आई ऋण की कमी के उपयोग के माध्यम से होगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 तथा टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के निर्माण के लिए सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, बड़े व्यवसाय तथा चेरिटेबल ट्रस्टों के लिए निकाय डिजीलॉकर की स्थापना की जाएगी, जिससे आवश्यक दस्तावेज़ों को ऑनलाइन साझा और सुरक्षित रखने में आसानी होगी।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने के लिए शुरू की जाएगी और इसमें उद्योग जगत 4.0 से संबंधित नई पीढ़ी के आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
- वरिष्ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी।
- लक्षित राजकोषीय घाटा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान है।
- युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्टार्टअप्स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्थापना की जाएगी।
- भारत को ‘श्री अन्न’ के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के उद्देश्य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
- पहले चरण में 1 लाख पुरातन अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए डिजिटल एपीग्राफी संग्रहालय में ‘भारत शेयर्ड रिपोजटरी ऑफ इनस्क्रिप्शंस’ की स्थापना।
- लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच आई-गोट कर्मयोगी का शुभारंभ।
- ‘पृथ्वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू किया जाएगा।
- मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर, जहां भी व्यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण के लिए ‘तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंग्रूव पहल, मिश्टी की शुरूआत की जाएगी।
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिले।
- अमृत धरोहर योजना को आर्द्र भूमि के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता, कार्बन स्टॉक, पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्थानीय समुदायों के लिए आय सृजन बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।
- वित्तीय सहायक सूचना की केन्द्रीय भंडार के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी।
- आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक एकल नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाण-पत्र शुरू किया जाएगा। महिलाओं या बालिकाओं के नाम पर आंशिक आहरण विकल्प के साथ दो वर्षों की अवधि के लिए 7.5 प्रतिशत की नियत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा का प्रस्ताव देगा।
आर्थिक सर्वे 2022-23
- वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 6-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बाजार विनिमय दरों में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 में अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय रुपये ने अच्छा प्रदर्शन किया।
- भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधनों से 40 प्रतिशत अधिष्ठापित बिजली क्षमता का अपना लक्ष्य वर्ष 2030 से पहले ही हासिल कर लिया।
- वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश 9.3 प्रतिशत बढ़ा।
- भारत वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है। यहां हैंडसेट का उत्पादन वित्त वर्ष 2015 में 6 करोड़ यूनिट से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 29 करोड़ तक पहुंच गया।
- औद्योगिक क्षेत्र द्वारा समग्र सकल मूल्य संवर्धन (जीवीडब्ल्यू) में 3.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई (वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली छमाही के लिए), जो पिछले दशक के पूर्वाद्ध के दौरान हासिल की गई 2.8 प्रतिशत की औसत वृद्धि से अधिक है।
- वित्त वर्ष 2022 में 8.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में सेवा क्षेत्र के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
- भारत, 2022 में 100 बिलियन डॉलर प्राप्त करने के द्वारा विश्व में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा। सेवा निर्यात के बाद प्रेषण बाह्य वित्त पोषण का दूसरा सबसे बड़ा प्रमुख स्रोत है।
- नवम्बर, 2022 के अंत तक भारत विश्व में छठा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार धारक है।
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स्रोत: पीआईबी और भारत का आर्थिक सर्वे
धन्यवाद