राजस्थान पालनहार योजना में 0-6 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह एवं 6- 18 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2.500 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है।
योजना के उद्देश्य
अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
योजना के लिए पात्रता
- अनाथ बच्चे
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- विकलांग माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
- सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे
पालनहार योजनान्तर्गत ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
आर्थिक सहायता
- अनाथ श्रेणी के 0-6 वर्ष तक बच्चों को 1,500 रुपये प्रतिमाह, 6-18 वर्ष के बच्चों को 2,500 रुपये प्रतिमाह
- अन्य श्रेणियों के 0-6 वर्ष के बच्चे को 500 रुपये, 6-18 वर्ष के बच्चे को 1,000 रुपये प्रतिमाह
- पुस्तकें, स्टेशनरी, वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि के लिए एकमुश्त वार्षिक 2,000 रुपये
- 3-6 वर्ष के बच्चे का आंगनबाड़ी केंद्र और 6-18 वर्ष के बच्चों का शिक्षण संस्थान में पंजीकरण आवश्यक है।
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