पन्नाधाय

चित्तौड़गढ़ में मां पन्नाधाय के पैतृक स्थल पाण्डोली में ‘महाबलिदानी पन्नाधाय पेनोरमा’ बनेगा। 

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस पैनोरमा के लिए 4 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

पन्नाधाय के बारे में  

पन्ना धाय, राणा सांगा के पुत्र राणा उदयसिंह की धाय माँ थीं। पन्ना धाय खींची चौहान राजपूत थी।

राणा सांगा की मृत्यु के बाद उसका दासी पुत्र बनवीर चित्तौड़ का शासक बनना चाहता था। इसलिए बनवीर ने महाराणा विक्रमादित्य की हत्या करके उदयसिंह को मारने के लिए चल पड़ा।

पन्ना धाय को इसकी सूचना पहले ही मिल गई और उसने उदयसिंह की जगह अपने पुत्र चन्दन को उदयसिंह के पलंग पर सुला दिया। बनवीर ने पन्ना के पुत्र को उदयसिंह समझकर मार डाला।

पन्ना धाय उदयसिंह को लेकर कुम्भलगढ़ पहुँच गयी । कुम्भलगढ़ के क़िलेदार आशा देपुरा ने उनको शरण दी। वही पर सभी मेवाड़ी सरदारो ने उदयसिंह को 1536 में महाराणा घोषित कर दिया। उदयसिंह ने 1540 में चित्तौड़ पर अधिकार किया।

इस तरह पन्नाधाय ने अपने पुत्र की बलि देकर मेवाड़ राजवंश को बचाया।

मेवाड़ के इतिहास में पन्ना भाई अपने स्वामी भक्ति के कारण हमेशा याद किया जाता है।

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